भारत के इतिहास, संस्कृति और पुराणों में श्वानों को सदैव एक विशिष्ट एवं सम्माननीय स्थान प्राप्त होता रहा है. भारतीय मूल की श्वानों की नस्लें अपने साहस, निष्ठा और कार्यकुशलता के लिए प्रसिद्ध रही हैं. राजसी दरबारों से लेकर रणभूमि तक, इनकी उपस्थिति भारत की गौरवशाली सैन्य और सांस्कृतिक परंपरा में मानव और पशु के बीच अटूट संबंध का प्रतीक रही है.
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