यह है 100 साल से भी अधिक पुरानी “सांपों की अदालत”, जहां सर्पदंश से पीड़ित लोग न्याय मांगने आते हैं और मान्यता है कि स्वयं नागदेवता मानव शरीर में प्रवेश कर उन्हें डसने का कारण बताते हैं. कपिल सूर्यवंशी की रिपोर्ट
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